रास्ते की मांग पर मंड़सरा के ग्रामीणों ने किया कोरानसराय नारायणपुर मार्ग को जाम
- थानाध्यक्ष के आश्वासन पर टूटा जाम, दो़ घंटे तक ठप था परिचालन
- बुधवार को हाई कोर्ट के निर्देश पर तोड़ी गई थी सड़क
फोटो- सड़क जाम करते मंड़सरा के ग्रामीण
केटी न्यूज/ डुमरांव
डुमरांव प्रखंड के कनझरूआं पंचायत अंतर्गत मंड़सरा के ग्रामीणों ने गुरूवार को रास्ते की मांग पर कोरानसराय नारायणपुर मार्ग को सोनकी पुल के पास जाम कर दिया था। जिस कारण करीब दो घंटे तक इस मार्ग पर वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप हो गया था। बाद में कोरानसराय थानाध्यक्ष जुनैद आलम के आश्वासन के बाद जाम ग्रामीणों ने जाम हटाया। सड़क जाम कर रहे ग्रामीण मुख्य पथ से गांव को जोड़ने के लिए रास्ते की मांग कर रहे थे। बता दें कि बुधवार को ही सोनकी पुल से मंड़सरा तक बनी करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क के शुरूआत से ही प्रशासन ने 125 फिट लंबी व सोलह फिट चौड़ी सड़क को हाई कोर्ट के निर्देश पर तुड़वा दिया था। जबकि मंड़सारा के तीन हजार की आबादी के लिए यही सड़क गांव से बाहर आने जाने का एकमात्र रास्ता थी। एसडीओ ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश पर सड़क के कुछ हिस्सें को तोड़ा गया है। हालांकि ग्रामीणों ने बुधवार को प्रशासन की कार्रवाई का विरोध नहीं किया था। लेकिन गुरूवार को गांव से बाहर निकलने के लिए रास्ता की मांग कर प्रशासन की मुश्किलें जरूर बढ़ा दी है।
निजी जमीन पर बना दी गई थी सड़क
बता दें कि मंड़सरा को कोरानसराय नारायणपुर पथ से जोड़ने के लिए ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा जो सड़क बनवाई गई थी। लेकिन सोनकी पुल के पास से 125 फिट दूर तक यह सड़क निजी जमीन में बनी थी। जिसका विरोध जमीन मालिक ने उसी समय किया था। लेकिन ग्रामीणों तथा विभाग ने इसे अनसुना कर दिया था। तब जमीन मालिक मजबूर होकर पटना हाई कोर्ट में रीट याचिका दायर किया था। हाई कोर्ट का फैसला भी उसके पक्ष में आया। जिसके बाद एसडीओ के नेतृत्व में प्रशासन व पुलिस ने हाई कोर्ट के आदेश का पालन कराते हुए सड़क के उक्त हिस्सें को जेसीबी से तोड़वा दिया।
गांव से निकलने का एकमात्र विकल्प थी यह सड़क
दूसरी तरफ यह सड़क मंडसरा गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने का एकमात्र विकल्प थी। इसी सड़क के सहारे ग्रामीण कही आते जाते थे। सड़क तोड़ दिए जाने से ग्रामीणों के सामने आवागमन का संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीण मनोज पासवान, राजू पासवान समेत कई अन्य ने बताया कि सड़क तोड़ दिए जाने से बीमारों को अस्पताल ले जाने, बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल जाने, महिलाओं, प्रसूताओं, बुजुर्गो आदि सभी की परेशानी बढ़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बनने के बाद से उनके उम्मीदों को पंख लगे थे। बड़ी संख्या में इस गांव से छात्र-छात्राएं हर दिन पढ़ने के लिए कोरानसराय तथा अन्य जगहों पर आते जाते थे। लेकिन अब सड़क टूट जाने के बाद उनकी पढ़ाई भी बंद हो गई है। ग्रामीणों ने रास्ते के वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग भी की है।
थानाध्यक्ष के आश्वासन पर टूटा जाम
ग्रामीणों द्वारा सड़क जाम किए जाने की सूचना पर पहुंचे कोरानसराय थानाध्यक्ष जुनैद आलम ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा सड़क जाम किए जाने की सूचना पर वहा पहुंच उन्हें समझाया गया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को सड़क की वैकल्पिक व्यवस्था करने का आष्वासन दिया गया है।