पीएमएमवीवाई की जांच करने सीडीपीओ कार्यालय पहुंची पटना की टीम

नगर और प्रखंड में चलने वाले आंगनबाड़ी केन्द्र से मिलने वाली सरकारी योजनाएं धरातल पर उतर रही है कि नहीं इसकी सारी जानकारी सीडीपीओ कार्यालय को होनी चाहिए। सीडीपीओ कार्यालय में पर्यवेक्षिका भी विभिन्न प्रखंडों में जाकर योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को मिल रहा है

पीएमएमवीवाई की जांच करने सीडीपीओ कार्यालय पहुंची पटना की टीम

- विधान सभा में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का पैसे नहीं मिलने का उठाया गया था प्रश्न

- टीम चार घंटे तक जांच करने में जुटी रही, पटना में करेगी रिपोर्ट

केटी न्यूज/डुमरांव 

नगर और प्रखंड में चलने वाले आंगनबाड़ी केन्द्र से मिलने वाली सरकारी योजनाएं धरातल पर उतर रही है कि नहीं इसकी सारी जानकारी सीडीपीओ कार्यालय को होनी चाहिए। सीडीपीओ कार्यालय में पर्यवेक्षिका भी विभिन्न प्रखंडों में जाकर योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को मिल रहा है

कि नहीं, जानकारी लेना है। पर्यवेक्षिकाओं से सारा फीडबैक लेना होता है सीडीपीओ को, लेकिन किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया और पैसा नहीं मिलने का सवाल विधान सभा में गुंज उठा। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का पैसा लाभूकों को नहीं मिलने की शिकायत को विधान सभा में उठाये जाने के बाद सीडीपीओ कार्यालय में हड़कंप मच गया। आईसीडीएस के निदेशक ने इसकी जांच के लिये दो सदस्यीय टीम को गठित कर दिया।

गठित टीम में विभाग की संयुक्त निदेशक रीना कुमारी और सहायक निदेशक निरूपा कुमारी शामिल हैं। इन दोनों अधिकारियों ने सोमवार को डुमरांव सीडीपीओ कार्यालय पहुंच निकासी पदाधिकारी शबनम परवीन, पति अकबर हुसैन द्वारा पीएमएमवीवाई प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के संबंधित निवेदन समिति के प्रश्न संख्या-280-24 के प्रश्नावली के संबंधित मामले की जांच की।

जांच के दौरान जिस आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका पर प्रश्न उठाए गए थे, उसको और जो जांच का निवेदन किया था उसे, एक साथ और बारी-बारी से जांच टीम ने वार्ता किया। इस संबंध में जब केटी न्यूज के संवादाता उन दोनों अधिकारियों से बात करने की काशिश की तो दोनों अधिकारियों ने बात नहीं किया। इनका कहना था कि यह गुप्त रिपोर्ट है, इसे विभाग को सौंपा जाएगा।

रिपोर्ट के अधार पर जो भी करना होगा विभाग करेगा। इधर जांच के लिये आई टीम को लेकर पूरे दिन सीडीपीओ कार्यालय में अफरातफरी मची रही। कार्य के लिये कार्यालय पहुंची सेविकाओं में हड़कंप मचा रहा। सभी यह जानने की कोशिश करती रही की आंगनबाड़ी सेविका और सीडीपीओ पर कोई कार्रवाई की गाज गिरती है कि नहीं। इधर कई समाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न पार्टी के नेताओं का कहना है

कि जब सरकार योजना का पैसा देती है, तो उसे लाभूकों तक पहुंचना चाहिए। जब किसी सेंटर से लाभूकों तक पैसा नहीं पहुंचता है तो इसकी जिम्मेवार अधिकारी सीडीपीओ होती है। लगभग दो साल से लाभूकों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, तो क्या सीडीपीओ सोयी हुई थी। ऐसे कई प्रश्न लोगों की जुबान पर थे।