शव दफनाने के लिए दो गज जमीन नहीं मिलने पर नट समुदाय के लोगों ने किया सड़क जाम
- निजी जमीन में शव दफनाने से मना करने के बाद बिंदडेरा के पास शव के साथ कर दिया था सड़क जाम
- सिमरी थाना क्षेत्र के बिंदडेरा गांव का है मामला, एक घंटे तक ठप हो गया था सिमरी भोजपुर पथ पर परिचालन
केटी न्यूज/सिमरी
मंगलवार को सिमरी थाना क्षेत्र के बिंदडेरा गांव के पास शव दफनाने को ले नट समुदाय के लोगों ने सड़क जाम कर दिया। इस कारण भोपजुर सिमरी पथ पर करीब एक घंटा तक परिचालन ठप रहा। बाद में सिमरी बीडीओ शशिकांत शर्मा व थानाध्यक्ष अमन कुमार के समझाने बुझाने तथा शव दफनाने के लिए जमीन देने के आश्वासन के बाद जाम हटा।
हालांकि समाचार लिखे जाने तक प्रशासन उन्हें जमीन मुहैया नहीं करा सका था। जिस कारण उनके फिर से आक्रोशित होने की संभावना बनी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार बिंदडेरा निवासी 50 वर्षीय बहादूर नट की मौत मंगलवार को हो गई। जिसके बाद समुदाय के लोग परंपरा के अनुसार शव दफनाने ले गए। वे लोग नगवां उमेश सिंह के रैयती जमीन में शव दफनाने लगे। रैयतदार को जब इसकी जानकारी हुई
तो उसने अपनी जमीन में शव दफनाने का विरोध किया। इस दौरान दोनों पक्षों में नोंक झोंक भी हुई। बाद में नट समुदाय के लोग शव को लेकर अपने डेरा के पास आए तथा भोजपुर सिमरी पथ पर शव रख सड़क जाम कर दिए। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाईन लग गई थी। इसकी जानकारी मिलते ही तत्काल बीडीओ व थानाध्यक्ष सदल बल मौके पर पहुंचे तथा लोगों को
समझा बुझा शांत कराया। बीडीओ शाशिकांत ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्दी ही उन्हें शव दफनाने के लिए जमीन मुहैया करा दी जाएगी। इस आश्वासन के बाद आक्रोशित लोग शांत हो गए। हालांकि देर शाम तक शव दफनाने के लिए प्रशासन ने जगह उपलब्ध नहीं कराया था। बीडीओ तथा थानाध्यक्ष समुदाय के लोगों तथा आस पास के ग्रामीणों के साथ बैठक कर कोई रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे थे।
वर्षों से चली आ रही है समस्या
बता दें कि नट समुदाय में जब किसी की मौत होती है तो शव दफनाने को लेकर बवाल होता है। समुदाय के पास अपना कब्रिस्तान नहीं है। जबकि आस पास में मौजूद अल्पसंख्यक समुदाय के कब्रिस्तान में भी इन लोगों को शव दफन नहीं करने दिया जाता है।
वही रैयतदार अपने खेतों में शव दफनाने की इजाजत नहीं देते है। इस कारण समुदाय में किसी की मौत के बाद अक्सर टकराव की नौबत आती है। समुदाय के नंदलाल नट, अवधेश नट, राजेश नट, शिवराज नट सहित कई अन्य लोगों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन को कई बार इसकी जानकारी दी गई है
तथा शव दफनाने के लिए स्थायी कब्रिस्तान की व्यवस्था करने की गुहार लगाई गई है। लेकिन शासन प्रशासन के अधिकारी उदासीन बने हुए है। जिससे इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। समुदाय वालों ने कहा कि आखिर वे शव दफनाने कहां जाए।
क्या कहते है बीडीओ
समुदाय के लोगों तथा स्थानीय ग्रामीणों से वार्ता जारी है। जल्दी ही इस समस्या का समाधान निकाल शव दफनाने की जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। आस पास में सरकारी जमीन नहीं होने से भी समस्या आ रही है। इसके समाधान का प्रयास जारी है।