अधिवक्ता संशोधन बिल के विरोध में डुमरांव के वकीलों का विरोध प्रदर्शन
केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे अधिवक्ता संशोधन बिल के विरोध में देश भर में उठ रहे विरोध का स्वर सोमवार को स्थानीय अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में भी सुनाई दी। आंदोलन की कड़ी में अधिवक्ताओं ने नो वर्क किया और केंद्र सरकार से ये निर्णय वापस लेने की मांग की। अधिवक्ताओं का नो वर्क होने के कारण न्यायिक विभाग में कामकाज भी प्रभावित रहा और वादकारियों को भी निराश होकर वापस लौटना पड़ा।
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केटी न्यूज/डुमरांव
केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे अधिवक्ता संशोधन बिल के विरोध में देश भर में उठ रहे विरोध का स्वर सोमवार को स्थानीय अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में भी सुनाई दी। आंदोलन की कड़ी में अधिवक्ताओं ने नो वर्क किया और केंद्र सरकार से ये निर्णय वापस लेने की मांग की। अधिवक्ताओं का नो वर्क होने के कारण न्यायिक विभाग में कामकाज भी प्रभावित रहा और वादकारियों को भी निराश होकर वापस लौटना पड़ा।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पृथ्वीनाथ शर्मा और संचालन प्रभानाथ तिवारी ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता अधिनियम 1961 में बड़ा बदलाव करने की तैयारी की है। इस बदलाव के लिए सरकार अधिवक्ता संधोधन बिल 2025 ला रही है। इसमें कई नये प्रावधान किये गये हैं। सरकार के इस निर्णय को बार और बेंच के हितों के खिलाफ बताते हुए अधिवक्ता पूरे देश में प्रदर्शन कर रहे हैं।
केंद्र सरकार अधिवक्ता अधिनियम 1961 को बदलने जा रही है, नया कानून लाया जा रहा है, जिसमें अधिवक्ताओं के हितों के खिलाफ प्रावधान किये गये हैं। अधिवक्ताओं ने कहा कि बार और बेंच मिलकर ही न्याय की व्यवस्था पूर्ण होती है, लेकिन सरकार न्यायालय में हस्तक्षेप करने के लिए बार को टारगेट कर रही है। इसीलिए सरकार अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन करने की तैयारी कर रही है,
यह संशोधन वकीलों की स्वतंत्रता पर सीधे स्तर पर एक प्रहार है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके खिलाफ हम आगे बढ़कर अपनी लड़ाई को लड़ेंगे, जब तक सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है, यह आंदोलन किया जायेगा। अधिवक्ता न्यायिक व्यवस्था के रथ का पहिया है, यदि इसके अधिकारों, स्वतंत्रता और सुरक्षा की अनदेखी की जायेगी तो यह व्यवस्थ सम्पूर्ण न्यायिक व्यवस्था को कमजोर करेगी।
सभी अधिवक्ताओं ने इस लड़ाई में एकजुटता से शामिल होने का संकल्प भी लिया। इस दौरान अधिवक्ता सुनील कुमार तिवारी, चितरंजन पांडेय, सुनील पांडेय, माधुरी कुंवर, ओमप्रकाश वर्मा, डीएन सिंह, साधना पांडेय, धमिक सिंह, अशोक कुमार, मुकुल श्रीवास्तव सहित अन्य उपस्थित थे।