समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति तक राहत पहुंचाना ही असली राष्ट्रसेवा है - प्रो. एके दूबे

भारतीय जनता पार्टी द्वारा ठंड से जूझ रहे गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों के लिए कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित कर यह संदेश दिया गया कि सेवा सिर्फ नारा नहीं, बल्कि जमीन पर दिखने वाला कार्य है।यह कार्यक्रम किसी एक स्थान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव और ईटाढ़ी तक फैला। ब्रह्मपुर के बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण से लेकर बक्सर के ऐतिहासिक रामरेखा घाट, रेलवे स्टेशन परिसर, ईटाढ़ी बाजार और डुमरांव के जंगली शिव मंदिर तक सैकड़ों जरूरतमंदों को कंबल बांटे गए।

समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति तक राहत पहुंचाना ही असली राष्ट्रसेवा है - प्रो. एके दूबे

-- भाजपा ने जरूरतमंदों के बीच बांटे कंबल, डुमरांव सहित कई जगहों पर आयोजित हुआ था कार्यक्रम

केटी न्यूज/डुमरांव

भारतीय जनता पार्टी द्वारा ठंड से जूझ रहे गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों के लिए कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित कर यह संदेश दिया गया कि सेवा सिर्फ नारा नहीं, बल्कि जमीन पर दिखने वाला कार्य है।यह कार्यक्रम किसी एक स्थान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव और ईटाढ़ी तक फैला। ब्रह्मपुर के बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण से लेकर बक्सर के ऐतिहासिक रामरेखा घाट, रेलवे स्टेशन परिसर, ईटाढ़ी बाजार और डुमरांव के जंगली शिव मंदिर तक सैकड़ों जरूरतमंदों को कंबल बांटे गए। सुबह से ही इन स्थलों पर बुजुर्ग, महिलाएं और मजदूरों की भीड़ जुटने लगी थी, जिनकी आंखों में ठंड से ज्यादा उम्मीद नजर आ रही थी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बिहार संकलन योजना, दिल्ली प्रांत के उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो. ए. के. दुबे ने सेवा को राजनीति से ऊपर बताते हुए कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक राहत पहुंचाना ही सच्ची राष्ट्रसेवा है। उन्होंने कहा कि संघ और भाजपा की कार्यसंस्कृति का मूल मंत्र ही “जरूरतमंद के साथ खड़ा होना” रहा है।कंबल वितरण के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने केवल सामग्री बांटने तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि लोगों की समस्याएं भी सुनीं।

कहीं बुजुर्गों ने ठंड में गुजरती रातों की पीड़ा साझा की, तो कहीं मजदूरों ने काम के अभाव की बात कही। कार्यकर्ताओं ने भरोसा दिलाया कि सेवा के ऐसे कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे।इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश भुवन, विनोद उपाध्याय, वंशीधर पांडेय, ब्रजेश चौबे, श्रीभगवान सिंह त्यागी सहित कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम का सबसे सशक्त दृश्य तब देखने को मिला, जब कंबल ओढ़ते ही जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान फैल गई। यही मुस्कान इस सेवा अभियान की सबसे बड़ी उपलब्धि बनकर उभरी।