विश्व मृदा दिवस पर वैज्ञानिक खेती की पहल तेज, किसानों में बढ़ी जागरूकता
प्रखंड मुख्यालय स्थित ई-किसान भवन में शुक्रवार को विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम ने किसानों में वैज्ञानिक खेती को लेकर नई जागरूकता पैदा की। आयोजन का फोकस पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर मिट्टी की सेहत और उर्वरता प्रबंधन पर रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार ने की, जिसमें बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।
-- चौसा ई-किसान भवन में आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने मिट्टी जांच व संतुलित उर्वरक उपयोग पर दिया जोर
केटी न्यूज/चौसा
प्रखंड मुख्यालय स्थित ई-किसान भवन में शुक्रवार को विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम ने किसानों में वैज्ञानिक खेती को लेकर नई जागरूकता पैदा की। आयोजन का फोकस पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर मिट्टी की सेहत और उर्वरता प्रबंधन पर रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार ने की, जिसमें बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित अनुमंडल कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने कहा कि “मिट्टी कृषि की आत्मा है। बिना मिट्टी की जांच के खेती करना उसी तरह है जैसे बिना जांच के दवा देना।” उन्होंने किसानों से अपील की कि वे हर दो से तीन वर्ष पर मिट्टी जांच कराएं और प्राप्त मृदा रिपोर्ट के आधार पर ही उर्वरक डालें।

इससे खेती की लागत कम होगी और उत्पादन में गुणात्मक सुधार होगा।कृषि समन्वयक प्रमोद कुमार सिंह, रमेश कुमार सिंह, शशिभूषण सिंह और प्रमोद कुमार राय ने विभिन्न फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों, जैविक खाद के लाभ तथा भूमि संरक्षण तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध उपयोग न सिर्फ मिट्टी की उर्वरता घटाता है, बल्कि पैदावार पर भी नकारात्मक असर डालता है।प्रखंड तकनीकी पदाधिकारी अमृता कुमारी ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड की उपयोगिता समझाते हुए कहा कि यह कार्ड खेती का वैज्ञानिक मार्गदर्शक है। इसमें मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों का विश्लेषण, कमी वाले तत्वों की सूची तथा आवश्यक उर्वरक की मात्रा साफ-साफ दर्ज रहती है।

इससे किसान अपनी फसल और भूमि दोनों के लिए सही निर्णय ले पाते हैं।
कार्यक्रम के दौरान कृषि विभाग ने किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण भी किया। कार्ड पाकर किसानों ने संतोष जताया और कहा कि अब वे अपनी जमीन की वास्तविक जरूरतों को बेहतर समझ सकेंगे। मौके पर उपस्थित विशेषज्ञों ने किसानों के सवालों के विस्तृत जवाब दिए और आधुनिक कृषि पद्धतियों पर सुझाव साझा किए।कार्यक्रम के अंत में प्रखंड कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार ने किसानों से अपील की कि वे मिट्टी संरक्षण को प्राथमिकता दें और वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाकर अपनी आय बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाएं।
