बक्सर शिक्षा विभाग में बेंच-डेस्क घोटाले की गूंज विधानसभा तक, एजेंसियों की लूट पर उठे सवाल

बक्सर शिक्षा विभाग में एजेंसियों की मिलीभगत से हुई कथित लूट-खसोट और अनियमितताओं की गूंज अब बिहार विधानसभा तक पहुंच गई है। बक्सर सदर विधानसभा के विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी के प्रतिहस्ताक्षरित याचिका जिसे बक्सर के ही गणेश यादव, मो. अकबर आदि ने इस मुद्दे को सदन में जोर-शोर से उठाते हुए कहा कि असैनिक कार्यों और बेंच-डेस्क की खरीद में विद्यालय शिक्षा समिति को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया। शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने चुनिंदा एजेंसियों के माध्यम से खरीद कर नियमों और मानकों को ताक पर रखकर सरकारी राशि की खुली बंदरबांट की है।

बक्सर शिक्षा विभाग में बेंच-डेस्क घोटाले की गूंज विधानसभा तक, एजेंसियों की लूट पर उठे सवाल

-- सदर विधायक मुन्ना तिवारी के प्रतिहस्ताक्षरित याचिका के बाद जांच के मिले है निर्देश, पटना प्रमंडल के उप निदेशक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से मांगा है जांच प्रतिवेदन, छात्रों के भविष्य से खिलवाड़

-- बेंच-डेस्क घोटाले पर मौन साधे है बक्सर का शिक्षा विभाग

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर शिक्षा विभाग में एजेंसियों की मिलीभगत से हुई कथित लूट-खसोट और अनियमितताओं की गूंज अब बिहार विधानसभा तक पहुंच गई है। बक्सर सदर विधानसभा के विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी के प्रतिहस्ताक्षरित याचिका जिसे बक्सर के ही गणेश यादव, मो. अकबर आदि ने इस मुद्दे को सदन में जोर-शोर से उठाते हुए कहा कि असैनिक कार्यों और बेंच-डेस्क की खरीद में विद्यालय शिक्षा समिति को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया। शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने चुनिंदा एजेंसियों के माध्यम से खरीद कर नियमों और मानकों को ताक पर रखकर सरकारी राशि की खुली बंदरबांट की है।

विधायक तिवारी ने विधानसभा में इस गंभीर विषय को उठाते हुए कहा था कि विभागीय अधिकारियों और एजेंसियों की मिलीभगत से भारी पैमाने पर घोटाला किया गया है। उनकी आपत्ति के बाद बिहार सरकार के शिक्षा विभाग (प्राथमिक शिक्षा निदेशालय) ने पूरे मामले पर गंभीरता दिखाते हुए 11 अगस्त 2025 को पत्र जारी कर बक्सर शिक्षा विभाग से जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का आदेश दिया। इस संबंध में क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, पटना प्रमंडल ने जिला शिक्षा पदाधिकारी, बक्सर से विस्तृत जवाब एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने को कहा है।

-- ईटाढ़ी प्रखंड में दर्ज हुई एफआईआर

गौरतलब है कि बक्सर जिले के ईटाढ़ी प्रखंड में बेंच-डेस्क आपूर्ति में गड़बड़ी को लेकर पहले ही दो कार्य एजेंसियों पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। आरोप है कि एजेंसियों ने अत्यंत घटिया स्तर का बेंच-डेस्क आपूर्ति किया। इन बेंच-डेस्क की हालत इतनी खराब है कि कुछ ही महीनों में टूट-फूट शुरू हो गई, जिससे छात्रों को पढ़ाई में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

-- विभागीय अधिकारी मौन, छात्रों का भविष्य संकट में

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे बैठे हैं। न तो दोषी एजेंसियों पर ठोस कार्रवाई की जा रही है और न ही दोषी अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जा रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि पूरा खेल विभागीय मिलीभगत से चल रहा है। विधायक ने आरोप लगाया कि यह सिर्फ वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ है।

-- जांच तक ही सीमित रहेगा या होगी कार्रवाई

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह मामला महज कागजी जांच तक ही सीमित रह जाएगा या फिर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। बीते कई वर्षों से शिक्षा विभाग में विभिन्न योजनाओं और खरीद प्रक्रियाओं में गड़बड़ी की शिकायतें उठती रही हैं, लेकिन हर बार जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस बार विधानसभा से लेकर शिक्षा विभाग के शीर्ष स्तर तक मामला पहुंचा है, इसलिए लोगों को उम्मीद है कि कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे।

-- एजेंसियों की मिलीभगत से मची लूट

सूत्रों के अनुसार, बक्सर में एजेंसियों को ठेका देने से लेकर भुगतान तक में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं। प्राथमिक विद्यालयों के लिए बेंच-डेस्क की खरीद में विद्यालय शिक्षा समिति की सहमति तक नहीं ली गई। जबकि नियम के मुताबिक, समिति की अनुमति और निगरानी में ही किसी भी प्रकार की सामग्री की खरीद होनी चाहिए थी। मगर विभागीय अधिकारियों ने मनमाने तरीके से एजेंसियों को फायदा पहुंचाया।

-- छात्रों की परेशानी और जनता की उम्मीद

स्कूलों में घटिया बेंच-डेस्क के कारण छात्र मजबूरन जमीन पर बैठकर पढ़ने को विवश हो रहे हैं। कई जगह शिकायतें आने के बावजूद अब तक दोषियों पर कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई है। इस पूरे प्रकरण ने आम लोगों और अभिभावकों में भी नाराजगी बढ़ा दी है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ होता रहेगा और कब तक शिक्षा विभाग आंख मूंदकर बैठा रहेगा।

-- अब निगाहें सरकार और विभाग पर

बक्सर शिक्षा विभाग का यह मामला अब सीधे बिहार विधानसभा और सचिव स्तर तक पहुंच चुका है। सचिव के निर्देश पर जांच प्रक्रिया शुरू तो हो गई है, लेकिन जनता की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस बार सचमुच दोषियों पर कार्रवाई होगी या फिर एक बार फिर जांच की फाइल ही सब कुछ दबा देगी। नतीजा साफ है कि बक्सर शिक्षा विभाग में एजेंसियों और अधिकारियों की मिलीभगत से जो लूट का खेल खेला गया है, उसने छात्रों के भविष्य को संकट में डाल दिया है। अब देखना यह है कि बिहार सरकार इस गंभीर मामले पर क्या ठोस कदम उठाती है।