मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली है सामूहिक दुष्कर्म की घटना - भरत शर्मा

बुधवार की देर रात डुमरांव के खिरौली में नाबालिग नर्तकियों से सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर अब भोजपुरी के कलाकार व प्रबुद्धजन मुखर हो गए है। कलाकारों व प्रबुद्धजनों ने इस घटना की जमकर भर्तसना करते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।

मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली है सामूहिक दुष्कर्म की घटना - भरत शर्मा

- भोजपुरी कलाकारों व प्रबुद्धजनों ने नाबालिग नर्तकियों से सामूहिक दुष्कर्म की निंदा की, दोषियों को मिले कड़ी से कड़ी सजा

केटी न्यूज/डुमरांव

बुधवार की देर रात डुमरांव के खिरौली में नाबालिग नर्तकियों से सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर अब भोजपुरी के कलाकार व प्रबुद्धजन मुखर हो गए है। कलाकारों व प्रबुद्धजनों ने इस घटना की जमकर भर्तसना करते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। ताकी भविष्य में कोई कलाकारों के साथ ऐसी घिनौनी हरकत नहीं कर सकें। भोजपुरी के चर्चित गायक व भोजपुरी सम्राट भरत शर्मा ने इस घटना को मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली घटना बताया और कहा कि ऐसी घटनाएं सभ्य समाज के माथे पर कलंक है। इसमें न सिर्फ दुष्कर्मी ही दोषी है बल्कि समाज पर भी सवाल उठता है। वही, चर्चित भोजपुरी गायक विष्णु ओझा ने कहा कि एक कलाकार अपनी कला के माध्यम से समाज का मनोरंजन करता है। कलाकार सरस्वती के उपासक होते है। उनके साथ ऐसी घिनौनी हरकत की जितनी भी निंदा की जाए कम होगी। जबकि, भोजपुरी के ख्याति प्राप्त स्टेज स्टार अशोक मिश्र ने कहा कि हमारे समाज में सदियों से कला की पूजा होते आई है। इस घटना ने हमारी संस्कृति पर प्रहार किया है। वहशियों ने जिस दरिंदगी से मासूम नर्तकियों की अस्मत लूटी है उन्हें उसकी सजा मिलनी चाहिए। भोजपुरी के प्रसिद्ध लहरी लक्ष्मण ओझा बागी ने कहा कि कलाकार समाज की धरोहर होते है। उनके पास समाज का सुरक्षा कवच होता है। इस घटना के बाद से खासकर महिला कलाकारों के मन में जो भय उत्पन्न हुआ है, वह कला जगत तथा समाज के लिए काफी नुकसानदेह है। ऐसी घटनाओं पर लगाम लगनी चाहिए तथा दोषियों को उनकी करतूतों की दंड मिलनी चाहिए। भोजपुरी गायक विनय मिश्र ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि वे दोनों तो अपने कला का प्रदर्शन करने आई थी। उनके अस्मत के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत किसने दी। आखिर जब हमारा समाज ही कलाकारों का शोषण करेगा तो कला की पूजा कौन करेगा। जबकि कमल किशोर राजू की मानें तो कलकार के साथ ऐसी घिनौनी हरकत काफी सोचनीय है। समाज को यह समझना चाहिए कि कलाकार अपनी कला परोसते है न कि जिस्म। ऐसी घटनाओं पर तभी लगाम लग सकता है जब दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने दोषियों को फांसी देने की मांग की और कहा कि कलाकारों को संरक्षण व सुरक्षा मिलनी चाहिए। इस घटना के बाद भोजपुरी जगत के साथ ही संपूर्ण कला जगत स्तब्ध है। वही, प्रबुद्धजनों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।