बक्सर में तथाकथित शिक्षा माफियाओं का बोलबाला, मिड-डे मील से लेकर विद्यालय व्यवस्था तक में लूट
जिले में शिक्षा व्यवस्था और मध्याह्न भोजन योजना में व्यापक भ्रष्टाचार और लूटखसोट के आरोप फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रधानमंत्री पोषण योजना, बक्सर तथा शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों और कथित शिक्षा माफियाओं पर बड़े पैमाने पर धांधली करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप हरेकृष्ण यादव ने निदेश पीएम पोषण योजना शिक्षा विभाग बिहार सरकार को भेजे पत्र में लगाया है।

-- विभागीय अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगा लोक शिकायत में दायर किया गया है परिवाद
-- फर्स्ट आइडिया के चयन मामले में बूरे फंसे है शिक्षा विभाग के अधिकारी
केटी न्यूज/बक्सर
जिले में शिक्षा व्यवस्था और मध्याह्न भोजन योजना में व्यापक भ्रष्टाचार और लूटखसोट के आरोप फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रधानमंत्री पोषण योजना, बक्सर तथा शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों और कथित शिक्षा माफियाओं पर बड़े पैमाने पर धांधली करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप हरेकृष्ण यादव ने निदेश पीएम पोषण योजना शिक्षा विभाग बिहार सरकार को भेजे पत्र में लगाया है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय शिक्षा माफियाओं का अड्डा बन चुका है। यहां से शिक्षा विभाग से जुड़े लगभग 90 प्रतिशत मामलों को माफियाओं के जरिए ही निपटारा कराया जाता है। इसके एवज में मोटी रकम ली जाती है और शिक्षकों का शोषण किया जाता है। आरोप यह भी है कि विभागीय पदाधिकारी और कुछ शिक्षक प्रतिनिधि मिलकर इस खेल को अंजाम देते हैं।
-- मिड-डे मील में घोटाले का आरोप
विद्यालयों में छात्रों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन को लेकर भी गंभीर गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई हैं। आरोप है कि जिला स्तर से लेकर विद्यालय स्तर तक भोजन की आपूर्ति और वितरण में करोड़ों रुपये का हेरफेर किया जा रहा है। छात्रों को भोजन सही मात्रा और गुणवत्ता में नहीं मिल रहा। इसके बावजूद कागज पर पूरी व्यवस्था को दुरुस्त दिखा दिया जाता है। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और शिक्षा विभाग से जुड़े कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से यह सब हो रहा है।
-- निदेशक को दिए पत्र में प्रभावशाली लोगों का जिक्र
दस्तावेज़ों में जिन नामों का जिक्र है, उनमें जिले के कुछ प्रभावशाली लोग और शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मियों पर आरोप लगाए गए हैं। बताया गया है कि ये लोग पूरे जिले में मिड-डे मील योजना और शिक्षा से जुड़ी सभी योजनाओं पर कब्जा जमाए बैठे हैं। इनकी वजह से न तो योजनाओं का लाभ छात्रों तक पहुंच पाता है और न ही ईमानदार शिक्षक चौन से काम कर पाते हैं।
-- उच्चस्तरीय जांच की मांग
शिकायतकर्ता हरेकृष्ण यादव ने शिक्षा विभाग से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक जिला स्तर पर निष्पक्ष जांच नहीं होगी, तब तक शिक्षा व्यवस्था में सुधार संभव नहीं है।उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री पोषण योजना और विद्यालयों के केंद्रीय निधि से हो रही लूट पर रोक लगाना अत्यंत जरूरी है। यदि समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाया गया, तो छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में शिक्षा विभाग की जड़ तक फैले इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सिर्फ विभागीय आदेश काफी नहीं होंगे। इसके लिए पारदर्शिता बढ़ाने, सामाजिक निगरानी समितियों को मजबूत करने और ईमानदार अधिकारियों को जिम्मेदारी देने की जरूरत है।
-- शिक्षा व्यवस्था में गहराई तक फैली गड़बड़ियो की मिल रही है झलक
बक्सर का यह मामला बिहार की शिक्षा व्यवस्था में गहराई तक फैली गड़बड़ियों की एक झलक मात्र है। सवाल यह उठता है कि जब शिक्षा और पोषण जैसी बुनियादी योजनाएं ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएं, तो गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रह पाएगा? अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग और सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या वास्तव में दोषियों पर कार्रवाई होती है।