भारतवर्ष के अंतिम हिंदू सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य का विजयोत्सव मनाया गया
स्थानीय सिटी हाल, डुमरांव में रविवार को अखिल भारतीय रौनियार वैश्य महासभा, डुमरांव इकाई की ओर से भारतवर्ष के अंतिम हिंदू सम्राट परम आदरणीय हेमचंद्र विक्रमादित्य हेमू का विजयोत्सव बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में रौनियार समाज के सदस्य, स्थानीय बुद्धिजीवी एवं सम्मानित अतिथि उपस्थित रहे।

-- अखिल भारतीय रौनियार वैश्य महासभा, डुमरांव की ओर से सिटी हाल में हुआ आयोजन
केटी न्यूज/डुमरांव।
स्थानीय सिटी हाल, डुमरांव में रविवार को अखिल भारतीय रौनियार वैश्य महासभा, डुमरांव इकाई की ओर से भारतवर्ष के अंतिम हिंदू सम्राट परम आदरणीय हेमचंद्र विक्रमादित्य हेमू का विजयोत्सव बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में रौनियार समाज के सदस्य, स्थानीय बुद्धिजीवी एवं सम्मानित अतिथि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष अजय कुमार ने की, जबकि संचालन का दायित्व संस्था के सचिव के.के. गुप्ता ने निभाया। आगत अतिथियों का स्वागत संस्था के संयोजक मोहन गुप्ता ने किया। वहीं, कार्यक्रम के अंत में रमेश जी रौनियार ने धन्यवाद ज्ञापन कर सभी का आभार व्यक्त किया।

-- हेमू, पराक्रम, देशभक्ति और आत्मबल के प्रतीक
संस्थान के वक्ताओं ने हेमचंद्र विक्रमादित्य हेमू के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे भारतीय इतिहास के ऐसे योद्धा थे, जिन्होंने मुगल साम्राज्य के विरुद्ध 22 युद्ध लड़े और हर बार विजयी रहे। हेमू का जन्म 1501 ई. में राजस्थान के अलवर में हुआ था। उनके पिता नमक के व्यापारी थे, जिसके चलते उनका बचपन हरियाणा के रेवाड़ी में बीता। कम उम्र में ही उन्होंने युद्धकला सीखी और विदेशी आक्रांताओं से लोहा लेना शुरू किया।

7 अक्टूबर 1556 को उन्होंने अकबर की सेना को हराकर दिल्ली की गद्दी पर अधिकार किया और स्वयं को “विक्रमादित्य” की उपाधि से विभूषित किया। हालांकि, 5 नवंबर 1556 को द्वितीय पानीपत के युद्ध में वीरतापूर्वक लड़ते हुए वे घायल हो गए और बेहोशी की अवस्था में क्रूर मुगलों ने उनका सिर कलम कर दिया।

-- समाज के युवाओं को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने की अपील
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि हेमू जी के बलिदान और संघर्ष की कहानी आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने दिखाया कि दृढ़ संकल्प, परिश्रम और देशभक्ति से किसी भी कठिन परिस्थिति को पराजित किया जा सकता है।

-- कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के लोग रहे शामिल
इस मौके पर रमेश रौनियार, सुरेश कुमार, विनोद कुमार, विनय कुमार, राकेश कुमार, मनोज कुमार, संजय कुमार, अजय कुमार, मुन्ना, अशोक मास्टर, विश्वनाथ, राजू गुप्ता, राजेंद्र गुप्ता, भरत, ओमप्रकाश, सिंगासन सहित डुमरांव के सभी रौनियार परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। पूरे कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति के नारों से सभागार गूंजता रहा और सभी ने एक स्वर में हेमचंद्र विक्रमादित्य अमर रहे के नारे लगाए।

