जवान बेटों की मौत से बन्हेंजी डेरा में पसरा मातम, शव आते ही मचा चित्कार
- बुधवार की सुबह शाहपुर थाना क्षेत्र के बिलौटी गांव के पास सड़क दुर्घटना में हुई है दोनों की मौत
- पूरे दिन गांव में पसरा रहा मातमी सन्नाटा
केटी न्यूज/डुमरांव
बुधवार का दिन डुमरांव थाना क्षेत्र के बन्हेंजी डेरा के लिए काला दिन साबित हुआ। गांव के दो होनहार सड़क दुर्घटना में जान गवा बैठे है, जबकि तीसरा जीवन व मौत से जूझ रहा है। तीनों एक ही बाइक पर सवार हो एनएच 922 के रास्ते भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के बौलीपर गांव जा रहे थे। शाहपुर थाना क्षेत्र के बिलौटी गांव के पास विपरीत दिशा से आ रही एक बेलगाम स्कॉर्पियो ने उनके बाइक को रौंद दिया। जिसमें तीनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए। स्थानीय पुलिस द्वारा
आनन फानन में तीनों को इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल ले जाया गया। जहां तीन में से दो ने दम तोड़ दिया जबकि तीसरे को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है। उसकी हालत भी चिंताजनक बनी हुई है। मृतकों में मंटू चौधरी का 16 वर्षीय पुत्र आलोक कुमार, मदन चौधरी का 18 वर्षीय पुत्र शुभमत कुमार उर्फ बिट्टू तथा जख्मी की पहचान सरल चौधरी के 18 वर्षीय पुत्र अर्जुन चौधरी के रूप में हुई है। सभी एक ही कुनबे के है तथा वे आलोक के ननिहाल जा रहे थे। दोपहर बाद शव आते ही बन्हेंजी डेरा गांव में चित्कार मच गया। इस मनहूस घटना से पूरा गांव मर्माहत हो उठा है। गांव में पूरे दिन मातमी सन्नाटा पसरा रहा। वही मृतकों के परिजन उनके शव से लिपट विलाप कर रहे थे। सबसे बुरा हाल घर की महिलाओं का था।
आलोक घर का बड़ा लड़का तो बिट्टू पांच भाईयों में चौथे नंबर पर था
इस दुर्घटना में जान गवाने वाले आलोक दो भाई व दो बहनों में सबसे बड़ा था। उसके घर में पिता मंटू चौधरी के अलावे मां आरती देवी, बहन अंगीता व रेणु तथा छोटा भाई विवेक है तो दूसरी तरफ बिट्टू पांच भाईयों में चौथे नंबर पर था। उसके परिवार में पिता मदन चौधरी, मां कांति देवी, भाईयों में विकास, मुकेश, नीतीश व सूरज शामिल है। सभी का रो रोकर बुरा हाल था।
वही जख्मी अर्जुन के परिजनों की सांसे भी मानों थम गई थी। उसकी हालत भी चिंताजनक बनी हुई है। घटना के संबंध में मृतक आलोक के पिता मंटू चौधरी ने बताया कि मंगलवार को गांव में एक बरात आई थी। जिसमें तीनों रातभर जगकर बरातियों का स्वागत किए थे। अहले सुबह ही जगदीशपुर के बौलीपर गांव के लिए निकले थे कि बिलौटी गांव के पास हादसें का शिकार हो गए।
घटना के बाद बेलगाम परिचालन पर था आक्रोश
ठस घटना के बाद परिजनों तथा ग्रामीणों में बेलगाम परिचालन पर गहरा आक्रोश था। ग्रामीणों का कहना था कि जब से एनएच फोरलेन की सड़क में तब्दील हुआ है तब से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई है। लोगों ने बेलगाम परिचालन पर लगाम लगाने में प्रशासनिक विफलता को इस घटना का कारण बताया। बता दें कि पिछले एक साल में बक्सर जिला में सड़क दुर्घटनाओं में 84 लोग जान गवां बैठे है। वही रफ्तार के कहर ने एक बार फिर से एक साथ दो घरों में कोहराम मचा दिया है।