बक्सर में आवास में नाम एंट्री के लिए पैसे मांगने के विरोध में ग्रामीणों ने किया हल्ला बोल,मुखिया के आवास का किया घेराव

आवास विहीन परिवारों के सर पर छत देने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है और सर्वे कराकर लाभान्वित करने का प्रयास कर रही है, बावजूद अधिकारियों एवं कर्मियों की उदासीनता के कारण लाभुकों से अवैध वसूली की जा रही है। मामला प्रखंड के रामपुर पंचायत का है। रामपुर वार्ड 3 में सर्वे के लिए चयनित कर्मी आवास सर्वे के लिए पहुंचे।

बक्सर में आवास में नाम एंट्री के लिए पैसे मांगने के विरोध में ग्रामीणों ने किया हल्ला बोल,मुखिया के आवास का किया घेराव

केटी न्यूज/केसठ

आवास विहीन परिवारों के सर पर छत देने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है और सर्वे कराकर लाभान्वित करने का प्रयास कर रही है, बावजूद अधिकारियों एवं कर्मियों की उदासीनता के कारण लाभुकों से अवैध वसूली की जा रही है। मामला प्रखंड के रामपुर पंचायत का है। रामपुर वार्ड 3 में सर्वे के लिए चयनित कर्मी आवास सर्वे के लिए पहुंचे। जहां चयनित कर्मी के साथ एक गांव के बिचौलिया ठिकेदार के साथ में गए और आवास में नाम एंट्री के लिए दो हजार रुपए राशि की मांग की जाने लगी। तब उक्त वार्ड के ग्रामीण उग्र हो कर हल्ला बोल दिए और विरोध करने लगे।

आक्रोशित ग्रामीणों ने जब हल्ला बोल किया तो सर्वे कर्मी और बिचौलिया पंचायत मुखिया के घर जा भागे। जहां मुखिया प्रतिनिधि बसंत पांडेय ने आक्रोशित ग्रामीणों से विरोध का कारण पूछा। लोगों ने बताया कि सर्वे कर्मी जो पीआरएस के पद पर है और गांव के ठेकेदार पीएम आवास योजना में नाम एंट्री करने के लिए दो हजार रुपए की मांग कर रहे है, जो लोग पैसा नहीं दे रहे है उनका इंट्री नहीं कर रहे है।ग्रामीणों का कहना है कि रात के अंधेरे में कौन कर्मी एंट्री करने आता है। इससे मामला साफ है कि कही ना कही नाम इंट्री के लिए पैसा लग रहा है जो नियम के विरुद्ध है। मुखिया प्रतिनिधि बसंत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये सारा कारनामा बीडीओ के उदासीनता का देन है। प्रखंड विकास पदाधिकारी ही दलालों को संरक्षण दिए हुए है, जो दिन रात उनके कार्यालय में बैठे रहते है और कमीशन की बाते करते है। पूरे मामले को ले ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। 

बताते चले कि अभी प्रखंड के तीनों पंचायतों में आवास सर्वे का काम चल रहा है। अगर अधिकारी गहराई से जांच करे तो अन्य पंचायतों में भी सर्वे के लिए पैसे की वसूली की जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि मनमानी के विरुद्ध वरीय अधिकारी को आवेदन दिया जाएगा। ग्रामीणों का कहा है कि आवास योजना के लाभुकों से मकान बनाने की राशि देने से पहले ही राशि की मांग की जा रही है। ग्रामीणों ने पीआरएस पंचायत में बिचौलियों के माध्यम से अवैध उगाही करवाने का आरोप भी लगाया है। आवास पोर्टल में लाभुकों का नाम दर्ज कराने के लिये भी राशि की मांग की जा रही है। कहां जाता है कि जब तक पैसा नहीं देंगे तब तक आवास की राशि या आवास में नाम एंट्री नहीं होगी। ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए वीडियो बना सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

क्या कहते है बीडीओ

प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश बिहारी वर्मा ने बताया कि रामपुर पंचायत में मनरेगा पीआरएस और एक गांव के ठेकेदार द्वारा संध्या में आवास सर्वे करने गए थे जहां एक व्यक्ति द्वारा मुझे दूरभाष पर सूचना दी गई कि उन लोगों के द्वारा आवास में नाम एंट्री करने के लिए पैसा की मांग की जा रही है, हालांकि कितना सत्य है जांच करने के बाद ही पता चल पाएगा। उन्होंने मुखिया प्रतिनिधि के प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए कहा कि मुखिया प्रतिनिधि के द्वारा जो भी आरोप लगाया जा रहे हैं वह बेबुनियाद है। प्रखंड कार्यालय एक सरकारी कार्यालय हैं, जहां कभी भी कोई भी व्यक्ति आ जा सकता है। अगर वे दलालों को जानते हैं पहचानते हैं तो आवेदन के माध्यम से मुझे सूचना दें मैं कार्रवाई जरूर करूंगा।

क्या कहते है डीडीसी

इस संबंध डीडीसी डॉ महेंद्र पाल ने कहा कि मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है जैसे ही कोई जानकारी मिलती है संबंधित कर्मी और व्यक्ति पर विधि संवत कार्रवाई की जाएगी।