पेयजल की समस्या को लेकर महिलाओं ने किया प्रदर्शन
- नगर के चतुरशाल गंज मोहल्ले में पेयजल की समस्या गंभीर
- चार साल पहले लगा बोरिंग नहीं हुआ चालू, हर घर नल का जल स्कीम मोहल्ले में फेल
केटी न्यूज/डुमरांव
नगर के कई मोहल्ले ऐसे हैं, जहां हर घर नल का जल का स्कीम पूरी तरह से फेल हैं। पेयजल के लिए लोगों को भटकना पड़ता है। नगर के वार्ड 22 चतुरशाल गंज मोहल्ला की महिलाओं ने रविवार को पेयजल के लिए जमकर हंगामा किया। महिलाएं हंगामे के दौरान पानी के बर्तन को हाथ में उठकाकर नप ईओ के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी। हंगामा को देखते हुए वार्ड पार्षद सुभाद्रा देवी ने हंगामा स्थल पर जाकर महिलाओं को समझा-बुझाकर शांत कराया।
नगर के कांव नदी के पार अनुमंडल कार्यालय जाने वाले रास्ते में वार्ड 22 का चतुरशाल गंज मोहल्ला पड़ता है। वर्षों से यह मोहल्ला उपेक्षित रहा है। इस मोहल्ले में पेयजल की समस्या काफी गंभीर है। चार साल पहले लगा बोरिंग चला ही नहीं, जिससे मोहल्लेवासियों की प्यास बुझ सके। इस मोहल्ले में अधिकांश महादलित और पिछड़ा वर्ग के लोग निवास करते हैं। मेहनत मजदूरी कर पेट पालने वाले इन मोहल्लेवासियों के पास इतने पैसे नहीं की व्यक्तिगत रूप से पेयजल की व्यवस्था कर सकें।
सभी सरकारी नल से ही पानी अपने घरों में ले जाते हैं। मोहल्ले में ले देकर एक चापाकल है, जिससे पूरे मोहल्ले की प्यास बुझती है। गांव की महिलाएं शिवलोचनी देवी, प्रियंका देवी, बबनी देवी, बेबी देवी, सीता देवी, इंदू देवी, सावित्री देवी, सुनैना देवी, सीता सुंदरी, धर्मशीला, रत्ना देवी, मुनिया देवी, अनारा देवी, सोनामति देवी सहित अन्य महिलाओं का कहना था कि इस भीषण गर्मी में पेयजल के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
पेयजल के लिए मोहल्ले की महिलाओं को इधर से उधर भटकना पड़ता है। मोहल्ले में एक सरकारी चापाकल है, जिससे गांव की लगभग दो हजार की आबादी की प्यास बुझती है। इसमें खराबी आ जाती है तो सभी लोग मिलकर चंदा से बनवाते हैं। बोरिंग चार साल पहले लगा था,
पाइप भी बिछाया गया, लेकिन घरों तक पानी नहीं पहुंचा। बोरिंग गांव के लिए एक शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। इस संबंध में जब ईओ अनिरूद्ध प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया की किस कारण से बोरिंग नहीं चल रहा है, इसकी जानाकरी लेकर चालू करवाया जाएगा। घरों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।