डुमरांव में निकाली गई जुबली क्रूस की भव्य शोभायात्रा
डुमरांव के पुराना भोजपुर स्थित मिशन स्कूल में शनिवार को धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक एकता का अनोखा नजारा देखने को मिला। जुबली क्रूस के स्वागत में आयोजित विशेष कार्यक्रम के तहत मिशनरी समाज की अगुवाई में एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जिसने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

-- आस्था, एकता और भाईचारे का बना अद्भुत संगम
केटी न्यूज/डुमरांव।
डुमरांव के पुराना भोजपुर स्थित मिशन स्कूल में शनिवार को धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक एकता का अनोखा नजारा देखने को मिला। जुबली क्रूस के स्वागत में आयोजित विशेष कार्यक्रम के तहत मिशनरी समाज की अगुवाई में एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जिसने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
शोभायात्रा की अध्यक्षता मिशनरी समाज ने की और इसका नेतृत्व फादर भास्कर ने किया। हजारों की संख्या में स्थानीय श्रद्धालु एवं मिशनरी समाज से जुड़े लोग इसमें शामिल हुए। जैसे ही जुबली क्रूस नगर की सड़कों से गुजरा, जगह-जगह श्रद्धालुओं ने फूलों और तालियों से स्वागत किया। इस दौरान लोगों ने भजन-प्रार्थनाओं के जरिए आस्था और विश्वास का संदेश फैलाया।
फादर भास्कर ने संबोधन में कहा कि जुबली क्रूस केवल एक धार्मिक प्रतीक ही नहीं, बल्कि आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का संदेश देने वाला माध्यम है। उन्होंने बताया कि इसे पुराना भोजपुर स्थित गिरजाघर में एक महीने के लिए स्थापित किया जाएगा। इस अवधि में प्रतिदिन विशेष प्रार्थना सभाएं होंगी और नगर की शांति, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए सामूहिक प्रार्थनाएं की जाएंगी।
शोभायात्रा के मार्ग पर स्थानीय लोगों ने श्रद्धालुओं के लिए पेयजल और प्रसाद की व्यवस्था कर सहयोग दिया। हर वर्ग और समुदाय के लोगों की भागीदारी ने यह संदेश दिया कि समाज में एकता और प्रेम ही सबसे बड़ा धर्म है। आयोजकों के मुताबिक, जुबली क्रूस की स्थापना से डुमरांव नगर में सकारात्मकता और शांति का नया वातावरण बनेगा।
नगरवासियों ने भी इस आयोजन को आस्था और सौहार्द का अद्भुत अवसर बताया। लोगों का मानना है कि ऐसे आयोजन न केवल धार्मिक विश्वास को मजबूत करते हैं, बल्कि समाज में भाईचारे और सहिष्णुता की नींव को भी गहराई प्रदान करते हैं। भव्य शोभायात्रा और जुबली क्रूस की स्थापना ने डुमरांव में धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक समरसता की मिसाल कायम कर दी।