बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन (एटक) का पांचवां जिला सम्मेलन संपन्न

बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन (एटक) का पांचवां जिला सम्मेलन रविवार को बक्सर में उत्साह, एकजुटता और संघर्ष के संकल्प के साथ संपन्न हुआ। सम्मेलन में राज्यव्यापी नेतृत्व की सक्रिय उपस्थिति ने पूरे कार्यक्रम को ऊर्जावान बना दिया। महासचिव कुमार बिंदेश्वर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष पूनम श्रीवास्तव और राज्य के कार्य प्रबंधक गौतम जी ने पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेकर संगठन की दिशा, चुनौतियों और आने वाले संघर्षों पर स्पष्ट रूप से अपनी रणनीति रखी।

बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन (एटक) का पांचवां जिला सम्मेलन संपन्न

-- सरकार की नीतियों के खिलाफ तेज़ संघर्ष का बिगुल

केटी न्यूज/बक्सर

बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन (एटक) का पांचवां जिला सम्मेलन रविवार को बक्सर में उत्साह, एकजुटता और संघर्ष के संकल्प के साथ संपन्न हुआ। सम्मेलन में राज्यव्यापी नेतृत्व की सक्रिय उपस्थिति ने पूरे कार्यक्रम को ऊर्जावान बना दिया। महासचिव कुमार बिंदेश्वर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष पूनम श्रीवास्तव और राज्य के कार्य प्रबंधक गौतम जी ने पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेकर संगठन की दिशा, चुनौतियों और आने वाले संघर्षों पर स्पष्ट रूप से अपनी रणनीति रखी।

एटक बक्सर इकाई के जिला महासचिव ज्योतिश्वर सिंह (बालक दास) एवं सीपीआई बक्सर अंचल के सह सचिव क्षितिज केशरी की मौजूदगी ने सम्मेलन को राजनीतिक धार के साथ और अधिक सशक्त किया। वक्ताओं ने कहा कि सेविकादृसहायिकाओं पर बढ़ते काम का बोझ, मानदेय की असमान व्यवस्था और अधिनायकवादी नीतियों ने आंगनवाड़ी व्यवस्था को संकट में डाल दिया है। ऐसे में एकजुट संघर्ष ही इन समस्याओं का समाधान निकाल सकता है।

सम्मेलन में हर वक्ता ने सरकार की अनदेखी वाली नीतियों पर कड़ा प्रहार करते हुए साफ कहा कि अब चुप रहने का समय बीत चुका है। आंगनवाड़ी कर्मियों के सम्मान, वेतन वृद्धि और स्थायीकरण की लड़ाई को ज़मीनी स्तर पर और तेज़ किया जाएगा।संगठनात्मक चुनाव भी सम्मेलन का प्रमुख आकर्षण रहा। संरक्षक के रूप में ओमप्रकाश सिंह और ज्योतिश्वर सिंह का चयन सर्वसम्मति से किया गया। महासचिव पद की ज़िम्मेदारी लीलावती देवी को सौंपी गई, जबकि अध्यक्ष के रूप में पूनम चौबे का चयन एक मजबूत संदेश रहा कि नेतृत्व अब और निर्णायक होगा। सचिव पद पर रंजू ओझा, प्रेम कुमारी और सीमा देवी का चयन हुआ। वहीं उपाध्यक्ष पद पर रीता देवी, क्षेमा कुमारी व उर्मिला देवी को चुना गया।

कोषाध्यक्ष के रूप में आशा ओझा की नियुक्ति की गई। इसके अलावा 21 सदस्यीय जिला कमेटी का गठन भी किया गया, जो आने वाले आंदोलनों को दिशा देगी।सम्मेलन में जिलेभर से पहुंचीं बड़ी संख्या में सेविका-सहायिकाओं की मौजूदगी ने यह स्पष्ट कर दिया कि आंगनबाड़ी कर्मी अब अपने अधिकारों के लिए पहले से ज्यादा सजग और संघर्ष के लिए तैयार हैं। पूरे सम्मेलन में जोश, एकजुटता और बदलाव की चाह साफ दिखाई दी।