शहर को खुबसूरत बनाने में बिगाड़ी जा रही है गांव की आवोहवा, ग्रामीणों में गहराया आक्रोश, मुख्य सचिव से हुई शिकायत

डुमरांव नगर परिषद द्वारा शहर को चकाचक बनाने में पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। इस दौरान हर महीने एक मोटी रकम खर्च कर डोर-टू-डोर कूड़े का उठाव किया जा रहा है, लेकिन शहर को खुबसूरत बनाने के प्रयास में पहले से स्वच्छ गांवों की आवोहवा को बिगाड़ने का प्रयास हो रहा है।

शहर को खुबसूरत बनाने में बिगाड़ी जा रही है गांव की आवोहवा, ग्रामीणों में गहराया आक्रोश, मुख्य सचिव से हुई शिकायत

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव नगर परिषद द्वारा शहर को चकाचक बनाने में पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। इस दौरान हर महीने एक मोटी रकम खर्च कर डोर-टू-डोर कूड़े का उठाव किया जा रहा है, लेकिन शहर को खुबसूरत बनाने के प्रयास में पहले से स्वच्छ गांवों की आवोहवा को बिगाड़ने का प्रयास हो रहा है। नगर परिषद के लापरवाह रवैये से ग्रामीण हलके के लोगों में आक्रोश गहराने लगा है तथा लोगों ने एक तरफ जहां इस मसले पर आंदोलन की चेतावनी दी है वहीं दूसरी तरफ अनुमंडल के धनंजयपुर निवासी रंजन मिश्र ने शनिवार को भोजपुर सिमरी पथ के मझवारी मोड़ के पास कचरा डंप किए जाने के खिलाफ नगर परिषद के ईओ से लेकर बिहार सरकार के मुख्य सचिव तक शिकायत की है। 

उन्होंन जहां ईओ को फोन कर अपनी आपत्ति जताई है, वहीं, बक्सर जिलाधिकारी तथा मुख्य सचिव को मेल कर इसे तत्काल रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद को अपने कचरे का समुचित निस्तारण करना चाहिए, लेकिन ऐसा करने के बजाए नगर परिषद शहर को साफ रखने के लिए गांवों के पर्यावरण में जहर घोलने का काम कर रही है।  उन्होंने केशव टाइम्स को बताया कि जिस जगह पर कचरा डंप किया जा रहा है वह भोजपुर ताल की जमीन है तथ नदी व सार्वजनिक जगहों के किनारे कचड़ा फेकना नगर विकास विभाग के मानकों के विपरित है।

उन्होंने कहा कि भोजपुर ताल जल संरक्षण का एक बड़ा माध्यम है तो बरसात के दिनों में खासकर बाढ़ आने पर यह ताल आस पास के गांवों के लिए वरदान साबित होता है। इसमें भोजपुर नदी और यहां तक की गंगा में आने वाले बाढ़ का पानी भी जमा होता है, जिससे हमारे गांवों में बाढ़ का प्रकोप नहीं रहता है, लेकिन कचड़ा डंप किए जाने से गांवों प्रदूषण के साथ ही जलभराव की समस्या भी गंभीर हो सकती है। दूसरी तरफ मझवारी के ग्रामीणों ने भी इस पर आपत्ति जताई है और कहा है कि नगर परिषद यदि यहां कचड़ा फेकने से बाज नहीं आता है तो जल्दी ही डुमरांव नप के खिलाफ ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे।