इलेक्शन ड्यूटी के लिए आरा से भभुआ जा रहे जमादार की ट्रेन से गिरकर मौत
मंगलवार की सुबह दानापुर-पीडीडीयू रेलखंड पर आरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो के पश्चिमी साइड स्थित अप लाइन पर एक दर्दनाक हादसा हो गया। इलेक्शन ड्यूटी के लिए सुपौल से भभुआ जा रहे एक जमादार की ट्रेन से गिरकर मौत हो गई।
बलुआ बाजार थाने में कार्यरत थे जमादार
सतेंद्र कुमार सिंह बिहार पुलिस में जमादार के पद पर कार्यरत थे और वर्तमान में सुपौल जिले के बलुआ बाजार थाने में तैनात थे। उनके जीजा सतेन्द्र सिंह ने बताया कि सतेंद्र करीब चार वर्षों से सुपौल में पोस्टेड थे। सुपौल में चुनाव कराने के बाद मंगलवार की सुबह वह ट्रेन से कैमूर जिले के भभुआ में इलेक्शन ड्यूटी के लिए जा रहे थे। इसी दौरान आरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 पर ट्रेन से गिर पड़े, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के बाद मची अफरा-तफरी
घटना के बाद प्लेटफार्म पर लोगों के बीच काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। रेलवे पुलिस ने तुरंत घटना की सूचना मृतक के परिजनों को दी और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। रेल पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि सतेंद्र कुमार सिंह अपने चार भाइयों और तीन बहनों में दूसरे स्थान पर थे।
2009 में सिपाही बने थे
सतेंद्र कुमार सिंह ने 2009 में बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर नौकरी ज्वाइन की थी। अपनी मेहनत और लगन से वे जमादार के पद तक पहुंचे थे। उनके निधन से परिवार और पुलिस विभाग में शोक की लहर है। परिजनों ने बताया कि सतेंद्र अपने कर्तव्यों का पालन बहुत ही ईमानदारी और निष्ठा से करते थे और अपने परिवार का भी ख्याल रखते थे।
रेलवे पुलिस ने शुरू की जांच
रेलवे पुलिस ने इस हादसे की जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि सतेंद्र कुमार सिंह ट्रेन से कैसे गिरे। क्या यह हादसा किसी लापरवाही के कारण हुआ या किसी अन्य वजह से। पुलिस हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है।
प्रशासन ने व्यक्त की संवेदना
इस हादसे पर प्रशासन ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है। पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों ने सतेंद्र कुमार सिंह के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। उनके सहकर्मियों ने बताया कि सतेंद्र बहुत ही मिलनसार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति थे। उनके जाने से विभाग को एक बड़ी क्षति हुई है।
मृतक के परिवार को जैसे ही घटना की सूचना मिली, वे शोक में डूब गए। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। गांव में भी शोक का माहौल है। सतेंद्र कुमार सिंह के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है और पुलिस विभाग की ओर से पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने की योजना बनाई जा रही है।
इस तरह की दुखद घटनाएं बताती हैं कि सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभाने में किस तरह से जान जोखिम में डालते हैं। सतेंद्र कुमार सिंह की मौत से उनके परिवार और विभाग को अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को हमेशा याद रखा जाएगा। प्रशासन को भी चाहिए कि ऐसे हादसों से बचने के लिए रेल यात्राओं के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।