जदयू नेता रवि उज्ज्वल ने नवरत्न गढ़ किला के पास रोका डंपिंग कार्य
डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र में कूड़ा प्रबंधन को लेकर नए सिरे से हंगामा खड़ा हो गया है। शहर का कचरा नया भोजपुर स्थित ऐतिहासिक नवरत्नगढ़ किले के पास डंप किए जाने के विरोध में स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि खुलकर उतर आए हैं। रविवार को जदयू के पूर्व विधानसभा प्रभारी रवि उज्ज्वल कुशवाहा खुद मौके पर पहुंचे और सफाई कर्मियों को कूड़ा गिराने से रोककर नगर परिषद की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
-- 90 लाख की सफाई व्यवस्था पर उठे सवाल, स्थानीय लोगों में गुस्सा
-- बोले जदयू नेता वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारण के बजाय ऐतिहासिक धरोहर के पास कूड़ा फेक रहा है नप
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र में कूड़ा प्रबंधन को लेकर नए सिरे से हंगामा खड़ा हो गया है। शहर का कचरा नया भोजपुर स्थित ऐतिहासिक नवरत्नगढ़ किले के पास डंप किए जाने के विरोध में स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि खुलकर उतर आए हैं। रविवार को जदयू के पूर्व विधानसभा प्रभारी रवि उज्ज्वल कुशवाहा खुद मौके पर पहुंचे और सफाई कर्मियों को कूड़ा गिराने से रोककर नगर परिषद की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

रवि उज्ज्वल ने बाहर से लाई गई सफाई टीम को रोकते हुए कहा कि नगर परिषद ने सफाई व्यवस्था के लिए जिस एनजीओ को जिम्मेदारी दी है, उसे हर महीने करीब 90 लाख रुपये का भुगतान होता है। इस राशि में वैज्ञानिक पद्धति से कचरे के निस्तारण का स्पष्ट प्रावधान है। इसके बावजूद शहर भर का कूड़ा किसी भी खुले स्थल पर फेंककर खानापूरी की जा रही है। उन्होंने इसे नगर परिषद की सबसे बड़ी लापरवाही और सार्वजनिक धन की खुली लूट करार दिया।

जदयू नेता ने कहा कि नवरत्नगढ़ किला सिर्फ एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं, बल्कि डुमरांव की सांस्कृतिक पहचान है। ऐसे स्थल के पास कूड़ा गिराना न केवल पर्यावरण के लिए खतरनाक है, बल्कि हमारी विरासत को भी नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सफाई के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है और कूड़ा निस्तारण को लेकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कूड़े की अनियमित डंपिंग से आसपास की बस्तियों में दुर्गंध, मच्छर और प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।
कई परिवारों को सांस संबंधी समस्या तक होने लगी है। लोगों का कहना है कि नगर परिषद को कई बार शिकायत की गई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।विरोध के दौरान सफाई कर्मी किसी विवाद से बचते हुए वहां से हट गए। वहीं, रवि उज्ज्वल कुशवाहा ने चेतावनी दी कि यदि नगर परिषद और संबंधित एनजीओ ने जल्द ही वैज्ञानिक निस्तारण की व्यवस्था नहीं की, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन से जांच करने और जिम्मेदार अधिकारियों व एनजीओ पर कार्रवाई की मांग की।

इस विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद गुप्ता और बीरेन्द्र कुशवाहा भी मौजूद रहे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि प्रशासन की चुप्पी स्थिति को और गंभीर बना रही है। अब सबकी निगाहें जिला प्रशासन की आगामी कार्रवाई पर टिक गई हैं कि क्या नवरत्नगढ़ किले के आसपास फैल रहा कूड़े का अंबार रुकेगा या मामला फिर फाइलों में दब जाएगा।
