सनातन संस्कृति की पहचान है नवरात्र, समर्पित भाव से करनी चाहिए पूजा - मिथिलेश पाठक
- चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता ने डुमरांव में विधि विधान से खोला मां दुर्गा के मूर्ति का पट
केटी न्यूज। डुमरांव ( बक्सर )
नवरात्र सनातन संस्कृति की पहचान है। हमें समर्पित भाव से पूजा करनी चाहिए। यही सनातन संस्कृति है। उक्त बातें जिले के राजपुर प्रखंड के खरवनिया निवासी तथा चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता मिथिलेश पाठक ने रविवार को डुमरांव में कही। वे शहर के हरिजी के हाता में भारतीय कला निकेतन श्री दुर्गा पूजा समिति के बुलावे पर बतौर मुख्य अतिथि बन आए थे। इसके पहले वे विधि विधान व वैदिक मंत्रोच्चार के बीच फिता काट पंडाल का उदघाटन किए तथा वहा स्थापित मां दुर्गा समेत अन्य मूर्तियों का पट खोल दशहरा मेला का श्रीगणेश किए। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों के जयघोष से हरिजी के हाता का इलाका गंूजायमान हो गया था। अपने संबोधन में उन्होंने सनातन संस्कृति को दुनिया की सभी संस्कृतियों का जनक बताते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में एक बढ़कर एक कई परंपराए है।
सभी परंपराओं का उदेश्य मानवता का कल्याण व सृष्टि का विकास करना है। उन्होंने कहा कि हमें कोई भी पूजा पाठ श्रद्धा भाव व समर्पित भाव से करना चाहिए। उन्होंने वहा उपस्थित लोगों से अपनी योजना भी साझा की तथा बताया कि वे सनातन धर्म के नाम पर बक्सर में एक लंगर चलाना चाहते है। जिसमें उन्हें युवाओं की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वे जिले के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए भी प्रयत्नशील है। श्री पाठक कहा कि डुमरांव का काफी धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व है। हरिजी के हाता का नामकरण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह पवित्र धरती है। यहा आकर उन्हें काफी अच्छा लगा। उन्होंने पूजा समिति के सदस्यों तथा सामाजिक कार्यकर्ता नरेन्द्र ओझा को यहा बुलाने के लिए धन्यवाद भी दिया। मौके पर पूजा समिति के अध्यक्ष दीपक चौरसिया, सचिव विक्की कुमार, रंजन कुमार, अजित कुमार सिंह उर्फ गोल्डी, सुनील कुमार सिंह उर्फ शिशु, संजय शर्मा, अजितेश कुमार समेत कई अन्य मौजूद थे। मंच संचालन मिस्टर मनोज ने किया।