बाबू राजमोहन सिंह मेमोरियल टूर्नामेंट के दूसरे दिन एकतरफा मुकाबला, बंगाल की टीम 5-0 से पस्त
धरौली गांव स्थित जोगीबीर बाबा खेल मैदान रविवार को फुटबॉल के रोमांच और जोश से सराबोर नजर आया। बाबू राजमोहन सिंह मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट के दूसरे दिन दर्शकों को ऐसा मुकाबला देखने को मिला, जिसने पूरे माहौल को उत्सव में बदल दिया। उत्तर प्रदेश की गाजीपुर इलेवन ने कोलकाता के कंचनपुर बांकुरा (पश्चिम बंगाल) की टीम को 5-0 से करारी शिकस्त देकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश की।
-- गोलों की बारिश में गाजीपुर का जलवा, धरौली का मैदान बना जश्न का गवाह
केटी न्यूज/डुमरांव।
धरौली गांव स्थित जोगीबीर बाबा खेल मैदान रविवार को फुटबॉल के रोमांच और जोश से सराबोर नजर आया। बाबू राजमोहन सिंह मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट के दूसरे दिन दर्शकों को ऐसा मुकाबला देखने को मिला, जिसने पूरे माहौल को उत्सव में बदल दिया। उत्तर प्रदेश की गाजीपुर इलेवन ने कोलकाता के कंचनपुर बांकुरा (पश्चिम बंगाल) की टीम को 5-0 से करारी शिकस्त देकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश की।

-- मैदान पर उतरते ही बदला मैच का रुख
मैच की शुरुआत अतिथियों द्वारा खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर गेंद को किक मारकर की गई। इसके बाद जैसे ही खेल शुरू हुआ, गाजीपुर इलेवन ने आक्रामक रणनीति अपनाते हुए बंगाल की टीम पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। पहले हाफ में ही गाजीपुर के खिलाड़ियों ने तेज पासिंग, बेहतरीन तालमेल और सटीक फिनिशिंग का परिचय देते हुए लगातार गोल दागे। विपक्षी टीम को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
-- हर गोल पर गूंजती रहीं तालियां
दूसरे हाफ में भी गाजीपुर इलेवन का दबदबा बरकरार रहा। एक के बाद एक गोल होते गए और दर्शक दीर्घा तालियों व नारों से गूंजती रही। स्थानीय खेल प्रेमियों के साथ-साथ दूर-दराज से आए दर्शकों ने भी खिलाड़ियों के जज्बे और खेल भावना की जमकर सराहना की। यह मुकाबला पूरी तरह एकतरफा रहा, लेकिन रोमांच में कोई कमी नहीं दिखी।

-- प्रतिभा को पहचानने की जरूरत - अतिथि
मैच के दौरान उद्घाटनकर्ता सदन सिंह और कांग्रेस नेता अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि युवाओं के भविष्य निर्माण का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि समाज में छिपी प्रतिभाओं को पहचानकर उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकें।

-- व्यवस्था और उत्साह, दोनों में अव्वल आयोजन
टूर्नामेंट के व्यवस्थापक रंजीत सिंह उर्फ फुड्डू सिंह ने बताया कि टूर्नामेंट को लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह है। खिलाड़ियों और दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए चाय, नाश्ता और पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई है। उन्होंने जानकारी दी कि सोमवार को टूर्नामेंट के तीसरे दिन सिरहा (नेपाल) और दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) की टीमों के बीच रोमांचक मुकाबला खेला जाएगा।

-- 26 दिसंबर को होगा महामुकाबला
मुख्य आयोजनकर्ता एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बाबू मनोज सिंह ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बाबू राजमोहन सिंह की जयंती के अवसर पर इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर को टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा, जिसमें विजेता टीम को 5 लाख रुपये नकद एवं आकर्षक कप, जबकि उपविजेता टीम को 2 लाख 51 हजार रुपये नकद पुरस्कार दिए जाएंगे।

-- रेफरी और उद्घोषकों ने निभाई अहम भूमिका
मैच में मुख्य रेफरी मोहम्मद सलाम रहे, जबकि सहायक रेफरी के रूप में पटना से आए शशि कुमार सुमन, संतोष पांडेय, पप्पू कुमार सिंह और जनार्दन सिंह ने जिम्मेदारी संभाली। उद्घोषकों की भूमिका में ब्रदर महान, पिंटू कुमार, जितेंद्र कुमार और मनीष उपाध्याय ने मैच को और जीवंत बना दिया।इस अवसर पर पूर्व सैनिक राजिंदर यादव, उमेश सिंह, चनवथ पैक्स अध्यक्ष भाई जवान कुशवाहा, राम क्षणिदा यादव, गोपाली सिंह, संजीव सिंह, मोनू सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग और खेल प्रेमी मौजूद रहे। धरौली का यह टूर्नामेंट न केवल फुटबॉल प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, बल्कि ग्रामीण अंचल में खेल संस्कृति को नई पहचान भी दे रहा है।
