शीतलहर के प्रकोप से निपटने को जिला प्रशासन सक्रिय, सार्वजनिक स्थलों पर अलाव और रैन बसेरों की व्यवस्था

बक्सर जिले में लगातार गिरते तापमान और शीतलहर के बढ़ते असर को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। आमजन, विशेषकर जरूरतमंद, असहाय और खुले में जीवन यापन करने वाले लोगों को ठंड से राहत पहुंचाने के उद्देश्य से जिलेभर में अलाव और अस्थायी आश्रय स्थलों की व्यापक व्यवस्था की गई है। यह कदम जिला पदाधिकारी, बक्सर के निर्देशानुसार उठाया गया है।

शीतलहर के प्रकोप से निपटने को जिला प्रशासन सक्रिय, सार्वजनिक स्थलों पर अलाव और रैन बसेरों की व्यवस्था

-- डीएम के निर्देश पर बस स्टैंड, स्टेशन और चौक-चौराहों पर बढ़ाई गई राहत व्यवस्था

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर जिले में लगातार गिरते तापमान और शीतलहर के बढ़ते असर को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। आमजन, विशेषकर जरूरतमंद, असहाय और खुले में जीवन यापन करने वाले लोगों को ठंड से राहत पहुंचाने के उद्देश्य से जिलेभर में अलाव और अस्थायी आश्रय स्थलों की व्यापक व्यवस्था की गई है। यह कदम जिला पदाधिकारी, बक्सर के निर्देशानुसार उठाया गया है।प्रशासन द्वारा जिले के प्रमुख भीड़-भाड़ वाले स्थानों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मुख्य चौक-चौराहों, बाजार क्षेत्रों, अस्पताल परिसरों सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

इन स्थानों पर दिन के साथ-साथ रात के समय भी अलाव जलाए जा रहे हैं, ताकि राहगीरों, मजदूरों और बेसहारा लोगों को ठंड से बचाव मिल सके।इसके साथ ही, रात्रि के समय ठंड से बचाव के लिए अस्थायी आश्रय स्थलों को सक्रिय किया गया है। इन आश्रय स्थलों में ठहरने, बैठने और ठंड से बचाव के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। नगर निकायों और संबंधित विभागों को इन व्यवस्थाओं के नियमित संचालन और निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

जिला प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अलाव और आश्रय स्थलों की व्यवस्था में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जरूरत के अनुसार व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के लिए अधिकारियों को सतत निरीक्षण करने को कहा गया है।प्रशासन की ओर से आम नागरिकों से अपील की गई है कि अत्यधिक ठंड के दौरान अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें, बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें तथा प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही राहत सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। शीतलहर के इस दौर में प्रशासन और जनता के सहयोग से ही जन-जीवन को सुरक्षित रखा जा सकता है।