सुमित्रा कॉलेज के वार्षिकोत्सव में दिखा मंच से स्टॉल तक प्रतिभा का उत्सव

सुमित्रा महिला कॉलेज का परिसर मंगलवार को केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि उत्सव, सृजन और आत्मविश्वास से भरे सपनों का मंच बन गया। वार्षिकोत्सव सह आनंद मेले के अवसर पर कॉलेज में ऐसा वातावरण देखने को मिला, जहां कला, संस्कृति, प्रबंधन कौशल और नेतृत्व क्षमता एक साथ झलकती नजर आई। छात्राओं की सक्रिय भागीदारी ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण की जीवंत प्रक्रिया है।

सुमित्रा कॉलेज के वार्षिकोत्सव में दिखा मंच से स्टॉल तक प्रतिभा का उत्सव

-- वार्षिकोत्सव-सह-आनंद मेले में छात्राओं की बहुआयामी प्रतिभा की हुई जमकर सराहना, छात्राओं की प्रस्तुति पर जमकर बजी तालियां

केटी न्यूज/डुमरांव।

सुमित्रा महिला कॉलेज का परिसर मंगलवार को केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि उत्सव, सृजन और आत्मविश्वास से भरे सपनों का मंच बन गया। वार्षिकोत्सव सह आनंद मेले के अवसर पर कॉलेज में ऐसा वातावरण देखने को मिला, जहां कला, संस्कृति, प्रबंधन कौशल और नेतृत्व क्षमता एक साथ झलकती नजर आई। छात्राओं की सक्रिय भागीदारी ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण की जीवंत प्रक्रिया है।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार, थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा, कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शोभा सिंह एवं डॉ. विनोद कुमार सिंह शामिल रहे। उद्घाटन सत्र में अतिथियों ने छात्राओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन आत्मविश्वास, टीमवर्क और रचनात्मक सोच को मजबूती प्रदान करते हैं।प्राचार्या डॉ. शोभा सिंह ने स्वागत भाषण में कॉलेज की शैक्षणिक व सह-शैक्षणिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि छात्राओं को हर मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर देना ही संस्थान का उद्देश्य है।

उन्होंने यह भी कहा कि आज की छात्राएं ही कल की सशक्त नागरिक और नेतृत्वकर्ता बनेंगी।सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई, जिसने पूरे माहौल को गरिमा और ऊर्जा से भर दिया। इसके बाद मंच पर प्रस्तुत गीत, नृत्य और संगीत कार्यक्रमों ने दर्शकों को बांधे रखा। देशभक्ति गीतों पर प्रस्तुत नृत्य ने जहां राष्ट्रप्रेम की भावना को प्रबल किया, वहीं गजल और स्वरचित कविताओं के पाठ ने छात्राओं की साहित्यिक संवेदनशीलता को उजागर किया। हर प्रस्तुति में आत्मविश्वास और अभ्यास की झलक साफ दिखाई दी, जिस पर दर्शकों ने तालियों के साथ उत्साह बढ़ाया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुभाष चंद्रशेखर ने प्रभावशाली और सधे हुए अंदाज में किया। उनकी प्रस्तुति शैली ने कार्यक्रम की गति और आकर्षण को बनाए रखा, जिससे पूरे दिन का आयोजन सुव्यवस्थित और जीवंत बना रहा।वार्षिकोत्सव का विशेष आकर्षण रहा आनंद मेला, जहां कॉलेज परिसर में छात्राओं द्वारा लगाए गए व्यंजन स्टॉल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने। चाट, मिठाइयों से लेकर पारंपरिक और आधुनिक स्वादों तक, हर स्टॉल छात्राओं की मेहनत और रचनात्मकता का प्रतीक था। एसडीओ राकेश कुमार सहित अन्य अतिथियों ने स्टॉलों का निरीक्षण किया और व्यंजनों का स्वाद चखते हुए छात्राओं के प्रबंधन और उद्यमशील कौशल की सराहना की।

समारोह के अंत में विभिन्न प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को प्रोत्साहित किया गया। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि छात्राओं के आत्मविश्वास, नेतृत्व और सामूहिक प्रयास की एक प्रेरक मिसाल भी साबित हुआ।मौके पर एसडीपीओ पोलत्स कुमार, प्रो. विनोद सिंह, प्रो. अंबिका सिंह, प्रो. शैलेन्द्र कुंवर, पवन सिंह समेत सैकड़ो गणमान्य मौजूद थे।