एचपीवी टीकाकरण के बाद बक्सर में 11 छात्राएं बेहोश मचा हड़कंप, जांच में जुटा स्वास्थ्य विभाग
चौसा प्रखंड के मध्य विद्यालय पवनी में गुरुवार को एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) टीकाकरण अभियान के दौरान दर्जन भर छात्राओं के अचानक बेहोश हो जाने से अफरा-तफरी मच गई। इस अप्रत्याशित घटना ने जहां स्कूल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी, वहीं परिजनों और स्थानीय लोगों के बीच भय और भ्रम का माहौल उत्पन्न हो गया। जानकारी के अनुसार, विद्यालय में 9 से 14 वर्ष आयु वर्ग की किशोरियों को एचपीवी टीका देने के लिए विशेष टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया था। इस दौरान जैसे ही कुछ छात्राओं ने टीका लिया, उनमें बेचौनी, चक्कर आना और घबराहट जैसे लक्षण दिखाई देने लगे।

- चौसा प्रखंड के मध्य विद्यालय पवनी की है घटना, बच्चियों के बेहोश होने के बाद भय व भ्रम की स्थित में पड़ गए थे अभिभावक
केटी न्यूज/चौसा
चौसा प्रखंड के मध्य विद्यालय पवनी में गुरुवार को एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) टीकाकरण अभियान के दौरान दर्जन भर छात्राओं के अचानक बेहोश हो जाने से अफरा-तफरी मच गई। इस अप्रत्याशित घटना ने जहां स्कूल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी, वहीं परिजनों और स्थानीय लोगों के बीच भय और भ्रम का माहौल उत्पन्न हो गया। जानकारी के अनुसार, विद्यालय में 9 से 14 वर्ष आयु वर्ग की किशोरियों को एचपीवी टीका देने के लिए विशेष टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया था। इस दौरान जैसे ही कुछ छात्राओं ने टीका लिया, उनमें बेचौनी, चक्कर आना और घबराहट जैसे लक्षण दिखाई देने लगे। देखते ही देखते करीब दर्जन भर छात्राएं बेहोश हो गईं, जिससे विद्यालय परिसर में भगदड़ की स्थिति बन गई।घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व जिला परिषद सदस्य डॉ. मनोज कुमार यादव तत्काल स्कूल पहुंचे और बेहोश छात्राओं को चौसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) भिजवाने की व्यवस्था की। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम भी स्कूल पहुंचकर हालात को नियंत्रित करने में जुट गई।
- सीएचसी में हुआ इलाज, स्थिति सामान्य
चौसा सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद सभी छात्राओं की हालत सामान्य बताई गई है। चिकित्सकों ने बताया कि घबराहट और मानसिक तनाव के कारण छात्राएं बेहोश हुई थीं। प्रभावित छात्राओं में करिश्मा कुमारी, रेखा, पार्वती, साक्षी, लक्ष्मी कुमारी, निधि, रूबी, रौशनी, बिंदु, खुशबू व टुन्नी शामिल हैं। इनमें से कुछ छात्राओं ने बताया कि टीका लगने के कुछ मिनटों बाद उन्हें तेज गर्मी लगने लगी और चक्कर आ गए, फिर उन्हें कुछ याद नहीं रहा।
-- स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की जांच
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनोद प्रताप सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और टीकाकरण अभियान की पूरी प्रक्रिया की जांच शुरू की। उन्होंने बताया कि कुल 92 छात्राओं को एचपीवी टीका लगाया गया था। एक छात्रा के अस्वस्थ होते ही अन्य छात्राओं में भी डर और घबराहट फैल गई, जिससे कुछ बच्चियों में मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया देखी गई।
- टीका सुरक्षित, घबराने की जरूरत नहीं - स्वास्थ्य विभाग
डॉ. सिंह ने कहा कि एचपीवी टीका पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है। यह टीका 9 से 14 वर्ष की किशोरियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाएं अक्सर मानसिक दबाव और सामाजिक भय के कारण होती हैं, न कि टीके की गुणवत्ता या प्रक्रिया में त्रुटि के कारण।
-अस्पताल में जुटी परिजनों की भीड़, हंगामा
छात्राओं के बेहोश होने की खबर फैलते ही उनके परिजन बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंच गए। कुछ समय के लिए अस्पताल परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया। हालांकि, चिकित्सकों और पुलिस बल की तत्परता से स्थिति को संभाल लिया गया।
- प्रशासन ने दिलाया भरोसा
प्रशासन ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच का आदेश देते हुए कहा है कि यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अभिभावकों से अपील की गई कि वे घबराएं नहीं, बल्कि टीकाकरण की महत्ता को समझें और सहयोग करें।
-- लोगों में भय, लेकिन टीकाकरण जरूरी
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में टीकाकरण को लेकर भय का माहौल बन गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि टीकाकरण स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है और इससे घबराने की नहीं, समझदारी से आगे बढ़ने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को टीके की उपयोगिता और सुरक्षा के बारे में बताया जाएगा, ताकि इस तरह की भ्रांतियों को दूर किया जा सके।