अंगीठी दम घुटने से चार की मौत कांड में बक्सर के दो मासूम की गई जान, ननिहाल गये थे छुट्टी मनाने
बंद कमरे में अंगीठी के धुआं से चार की मौत मामले में दो मासूम बक्सर के रहने वाले है। वे ननिहाल में ठंड़ी की छुट्टी मनाने वराणसी से अपने ननिहाल छपरा जिले के भगवान बाजार थाना क्षेत्र के अंबिका कॉलोनी, भारत मिलाप चौक गये हुए थे।
केटी न्यूज/बक्सर
बंद कमरे में अंगीठी के धुआं से चार की मौत मामले में दो मासूम बक्सर के रहने वाले है। वे ननिहाल में ठंड़ी की छुट्टी मनाने वराणसी से अपने ननिहाल छपरा जिले के भगवान बाजार थाना क्षेत्र के अंबिका कॉलोनी, भारत मिलाप चौक गये हुए थे। उसी दौरान एक कमरे में नानी कलावती देवी, मा अंजलीं, मौसी अमीषा, मौसी के बेटी अध्याय, व बक्सर के दोनों मासूम तेजस 3 व 7 माह की गुडिया सोए हुए थे। दोनों मृत बच्चे की पहचान बक्सर जिले के राजपुर थाना राजपुर में गांव सिकरौल निवासी संजय कुमार राय उर्फ विजय कुमार राय पिता दी नरायण राय के रूप में हुई है। पिता संजय कुमार राय एक पीसीएस अधिकारी है बतौर जौनपुर में सीओ के पद पर तैनात है। घटना की सूचना मिलते ही गांव से परिजन पटना पहुंचे।

कैसे हुई घटना
परिवार वालों के अनुसार, रात करीब 10 बजे खाना खाने के बाद सभी सोने की तैयारी करने लगे। ठंड ज्यादा होने के कारण फर्स्ट फ्लोर के एक कमरे में परिवार के 7 लोग एक साथ सोने का फैसला किया। कमरे में बुजुर्ग नानी कमलावती देवी (70), उनके बेटे अमित कुमार, बेटियां अमीषा और अंजलि, और तीन छोटे बच्चे तेजस (3), अध्याय (4) और 7 महीने की गुड़िया मौजूद थे। ठंड से बचने के लिए बेड के नीचे अंगीठी (बोरसी) जलाई गई थी। अक्सर ठंड से बचने के लिए इसी तरह अंगीठी जलाकर कमरे में सोते थे। अंगीठी जलाने के बाद कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया गया, खिड़कियां भी लगभग बंद थीं ताकि ठंडी हवा न आए। अंगीठी की लाल आग धीरे-धीरे कमरे को गर्म कर रही थी।

सुबह करीब 5-6 बजे के आसपास किसी को छटपटाहट महसूस हुई। बताया जा रहा है कि अमित कुमार को हल्की बेचौनी हुई थी। उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला और कमरे का दरवाजा खोलने की कोशिश की। बाहर की हवा लगते ही उन्हें थोड़ा होश आया। उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो कमरे में कोई हलचल नहीं थी। बच्चे बिल्कुल शांत पड़े थे, नानी भी नहीं हिल रही थीं। घबराहट में उन्होंने बाकी लोगों को जगाने की कोशिश की, लेकिन किसी की प्रतिक्रिया नहीं मिली। तब तक उनकी हालत भी बिगड़ चुकी थी। शोर सुनकर नीचे फ्लोर पर सो रहे परिवार के दूसरे सदस्य पहुंचे। दरवाजा पूरी तरह खुलते ही कमरे से भारी घुटन भरी हवा बाहर निकली।

आनन-फानन में सभी को छपरा सदर अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद कमलावती देवी, तेजस, अध्याय और गुड़िया को मृत घोषित कर दिया। वहीं अमित कुमार, अमीषा और अंजलि की हालत गंभीर बनी हुई है। गंभीर हालत देखते हुए उन्हें पटना रेफर कर दिया गया है।
